Monday 9 September 2013

अमृत धारा





आज से लगभग 30-40 वर्ष पूर्व "अमृत धारा" बड़ी प्रचलन में थी। वर्तमान पीढ़ी एसे भूल गई है। यह एक कई रोगों की दवा है।
बनाने की विधि यह है-
कपूर, अजवायन सत्व और पिपरमेंट ये सभी जड़ीबूटी बेचने वाले अत्तार /विक्रेता के यहाँ आसानी से मिल जाएगी को बराबर मात्रा में लीजिए, इनको एक शीशी में डालकर मिला लीजिए और उस शीशी को धूप में ढक्कन लगा कर रख दीजिए। बीच-बीच में इस घोल को हिलाते रहिए। थोड़ी देर में ही पानी की तरह तरल हो जाएगी अच्छी तरह ढक्कन लगा कर रखे अन्यथा उड जाएगी। यह घर के वेध्य की तरह ही सहायक है। निम्न तकलीफ़ों में चमत्कारी असर मिलेगा। आजमाए बेहद सस्ता ओर प्रभावी चुटुकुला।

-उल्टी जी मचलने पर बताशे या ग्लूकोज में एक बूंद डालकर खिलाये।

-इसकी चार से आठ बूंदें बताशे में या चीनी के शर्बत में मिलाकर दस्त के रोगी को दीजिए। इससे दस्तइ में आराम मिलेगा।

-सर में दर्द हिने पर सिर पर मलें।

-दांत में दर्द होने पर रुई में भिगोकर दांत में दवा लें।

पीली भोंरी, बिच्छू,आदि कीड़ो के काटने पर उसी जगह मलें। काटे हुए स्थान पर अमृतधारा को रुई में भिगोकर लगायें, तो तत्काल लाभ होता है ।

ओर भी कई उपयोग दादी नानी भी जानती होंगी पूछें ।

Friday 6 September 2013

मौसमी और देशी सेब रोजाना खाए और स्वस्थ रहे





आम के जाते ही अब सेब ने बाज़ार पर अपना रंग ज़माना शुरू किया है. ये ताज़े , मौसमी और देशी सेब रोजाना खाए और स्वस्थ रहे.सेब पित्त और वात को शांत करता है; प्यास मिटाता है और आँतों को मज़बूत करता है.इसमें मौजूद टार्टारिक एसिड के कारण यह सिर्फ एक घंटे में ही पच जाता है और साथ खाए हुए अन्न को भी पचा देता है.
- भोजन के साथ सेब खाने से शराब की लत छोड़ने में मदद मिलती है.
- खट्टे सेब का रस मस्सों पर लगाने से वे गिर जाते है.
- सेब को पीसकर त्वचा पर लगाने से चर्म रोगों में लाभ होता है.
- 2 सेब के छोटे छोटे टुकड़ों को काटकर उस पर उबलता हुआ आधा ली. पानी डाले. ठंडा होने पर छानकर पिए. स्वाद के लिए उसमे मिश्री डाली जा सकती है. सेब का यह पौष्टिक शरबत तुरंत खून में मिलकर ह्रदय , मस्तिष्क , लीवर और शरीर के हर कोष को शक्ति और स्फूर्ति देता है.
- सेब के छोटे टुकड़े काटकर कांच या चीनी मिटटी के बर्तन में चाँद की रौशनी में रख कर सुबह शाम एक महीने तक सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है.
- ये एनिमिया जैसी बीमारी का इलाज भी करता है क्योंकी सेब में आयरन बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। दिन में 2 से 3 सेब की मात्रा पूरे दिन की आयरन की कमी को पूरा करती है।
- सेब में मौजूद क्वरसिटिन शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुचने से बचाता है। इससे कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
- सेब में पाए जाने वाला पेक्टिन जो की ग्लाक्ट्रोनिक एसिड की कमी शरीर में पूरी करता है और इन्सुलिन के उपयोग को कम करता है।
- सेब में बहुत अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो की पाचन में मदद करता है। और अगर सेब को उसके छिलके के साथ खाया जाये तो इससे कब्ज़ भी ठीक हो जाता है।आजकल मिलने वाले ताज़े सेब पर कोई पॉलिश वगैरह भी नहीं होता।
- सेब में घुलन शील फाइबर पाया जाता है जो कोलेस्ट्रोल को कम करता है। हाय ब्लड प्रेशर को कम करता है.
- इसका उच्च स्तर का फाइबर वजन कम करने में मदद करता है।
- लाल सेब में क्वरसिटिन नामक एंटीओक्सिडेंट पाया जाता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
- हम अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में थोड़ा-बहुत ज़हरीला खाना खाते है। जिससे हमारा लीवर शरीर से साफ करता है और लीवर को मजबूत रखने के लिए रोज़ एक सेब खाए क्योंकी इसमें एंटीओक्सिडेंट पाए जाते है।
- दोनों ही समस्याएँ कब्ज़ या दस्त जो छोटे बच्चो में हो जाती है उससे बचाता है।
- सेब में फाइबर होता है जिसे दांत अच्छे रहते है। इसमें एंटीवायरल गुण होते है जो बैक्टीरिया और वायरस को दूर रखते है। यह मुंह में थूक की मात्रा को को भी बढ़ाता है।
- सेब गुर्दे की पथरी को बनने से रोकने में मदद करता है चूंकि इसमें साइडर सिरका अच्छी मात्रा में होता है।
- सेब मस्तिष्क की बिमारियों जैसे कि अल्जाइमर की रोकथाम करने में भी उपयोगी है क्योंकि यह मुक्त रेडिकल डेमेज से मस्तिष्क कोशिकाओं की रक्षा करता है जो अल्जाइमर का कारण बनती है।
- सेब उर्जा का एक बहुत अच्छा स्रोत है चूंकि यह फेफड़ो के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करता है। इसलिए, व्यायाम करने से पहले कुछ सेब खाने की सलाह दी जाती है। यह क्षमता को बढ़ाता है और उर्जा के स्तर में भी वृद्धि करता है।
- सेब में फ्लावनोईड पाया जाता है जो की औरतों को ओस्टीओपोरोसिस से बचाता है क्यों की यह हड्डियों का घनत्व बढाता है।

Thursday 5 September 2013

पौष्टिक आटे के लड्डू



पौष्टिक आटे के लड्डू --
हम बोर्नविटा , होर्लिक्स आदि खरीदने में कई सौ रुपये नष्ट कर देते है और रुपये की कीमत गिराते जाते
है. अगर बच्चों को असली पोषण देना हो तो उन्हें ये आटे के स्वादिष्ट लड्डू खिलाएं. उन्हें विज्ञापनों का कटु सत्य बताते हुए , हमारे असली हीरो की कहानियां जैसे श्रीकृष्ण , गणेश जी , भीम आदि की कहानियां सुनायेंगे तो वे ये लड्डू चट कर जायेंगे.धीरे धीरे उन्हें इन्ही का स्वाद
भाने लगे.

सामग्री -
2 -3 कप आटा ( इसमें आप थोड़ा जौ का आटा , देसी चने
का आटा मिला सकते है.)
1 कप - देशी गाय का घी.
2 कप - पीसी चीनी ( इसमें आप गुड , खांड का इस्तेमाल
कर सकते है; तो और अच्छा है . थोड़ा कतरा हुआ खजूर या किशमिश या अंजीर मिला दे तो चीनी की मात्रा कम लगेगी.)
ऐच्छिक - काजु-बादाम का चुरा , चिरौंजी , पिसे हुए भूने चने, तला हुआ गोंद आदि .

विधि-
कडाही में घी को तपा कर उसमे आटा डाल दे. अब धीमी आंच पर इसे भूनते रहे. साथ ही आप कुछ और पका सकते है क्योंकि इसे धीमी आंच पर थोड़ी थोड़ी देर में हिलाते रहने से ये बहुत अच्छा भून जाता है. जब इसकी खुशबू पुरे घर में फ़ैल जायेगी तो यह तैयार है.
जब थोड़ा ठंडा हो जाए तो चीनी मिला कर ; इसके लड्डू बाँध ले. लड्डू बाँधने के लिए अगर थोड़ा घी और लगे तो अंदाज़न डाले.
अगर आप को वजन बढ़ने की चिंता है तो घी कम से कम डाल कर सिर्फ पावडर खाए या इसे पक्की चाशनी में डाल कर बर्फी बना ले.

Tuesday 3 September 2013

केले के लाभ



केले के लाभ


वैसे तो केला बारह ही महीने बाजार में उपलब्ध रहता है। लेकिन बरसात के सीजन में ये शरीर के लिए विशेष लाभदायक होता है। कच्चा केला मीठा, ठण्डी तासीर का, भारी, स्निग्ध, कफकारक, पित्त, रक्त विकार, जलन, घाव व वायु को नष्ट करता है। पका हुआ केला स्वादिष्ट, शीतल, मधुर, वीर्यवर्ध्दक, पौष्टिक, मांस की वृध्दि करने वाला, रुचिकारक तथा भूख, प्यास, नेत्ररोग और प्रमेह का नाश करने वाला होता है।
- यदि महिलाओं को रक्त प्रवाह अधिक होता है तो पके केले को दूध में मसल कर कुछ दिनों तक खाने से लाभ होता है।
- बार-बार पेशाब आने की समस्या हो तो चार तोला केले के रस में दो तोला घी मिलाकर पीने से फायदा होता है।
- यदि शरीर का कोई हिस्सा जल जाए तो केले के गूदे को मसल कर जले हुए स्थान पर बांधे। इससे जलन दूर होकर आराम पहुंचता है।
- पेचिश रोग में थोड़े से दही में केला मिलाकर सेवन करने से फायदा होता है।
- संग्रहणी रोग होने पर पके केले के साथ इमली तथा नमक मिलाकर सेवन करें।
- दाद होने पर केले के गूदे को नींबू के रस में पीसकर पेस्ट बनाकर लगाएं।
- पेट में जलन होने पर दही में चीनी और पका केला मिलाकर खाएं। इससे पेट संबंधी अन्य रोग भी दूर होते हैं।
- अल्सर के रोगियों के लिये कच्चे केले का सेवन रामबाण औषधि है।
- केला खून में वृध्दि करके शरीर की ताकत को बढ़ाने में सहायक है। यदि प्रतिदिन केला खाकर दूध पिया जाए तो कुछ ही दिनों में व्यक्ति तंदुरुस्त हो जाता है।
- यदि चोट लग जाने पर खून का बहना न रुके तो उस जगह पर केले के डंठल का रस लगाने से लाभ होता है।
- केला छोटे बच्चों के लिये उत्तम व पौष्टिक आहार है। इसे मसल कर या दूध में फेंटकर खिलाने से लाभ मिलता है।
- केले और दूध की खीर खाने या प्रातः सायं दो केले घी के साथ खाने या दो केले भोजन के साथ घंटे बाद खाकर ऊपर से एक कप दूध में दो चम्मच शहद धोलकर लगातार कुछ दिन पीने से प्रदर रोग ठीक हो जाता है।
- केले का शर्बत बनाकर पीने से सूखी खांसी, पुरानी खांसी और दमे के कारण चलने वाली खांसी में 2-2 चम्मच सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
- एक पका केला एक चम्मच घी के साथ 4-5 बूंद शहद मिलाकर सुबह-शाम आठ दिन तक रोजाना खाने से प्रदर और धातु रोग में लाभ होता है।
- पके केले को घी के साथ खाने से पित्त रोग शीघ्र शान्त होता है।
- मुंह में छाले हो जाने पर गाय के दूध के दही के साथ केला खाने से लाभ होता है।
- एक पका केला मीठे दूध के साथ आठ दिन तक तक लगातार खाने से नकसीर में लाभ होता है।
- दो केले एक तोला शहद में मिलाकर खाने से सीने के दर्द में लाभ होता है।
- दो पके केले खाकर, एक पाव गर्म दूध एक माह तक सेवन करने से दुबलापन दूर होकर शरीर स्वस्थ बनता है।
- प्रतिदिन भोजन के बाद एक केला खाने से मांसपेशियां मजबूत बनती है व ताकत देता है।
- प्रातः तीन केले खाकर, दूध में शक्कर व इलायची मिलाकर नित्य पीते रहने से रक्त की कमी दूर होती है।
- यदि बाल गिरते हों तो केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर सिर में लगाने से बाल झड़ना रूक जाता है।
- जलने या चोट लगने पर केले का छिलका लगाने से लाभ होता है।
- पके हुए केले को आंवले रस तथा शक्कर मिलाकर खाने बार-बार पेशाब आने की शिकायत होती है।
- बच्चे को दस्त लग जाने पर पके केले को कटोरी में रख कर चम्मच से घोट कर मक्खन जैसा बना लें और जरा सी मिश्री पीस कर मिला कर बच्चे को दिन में दो तीन बार खिलाएं। लाभ होगा, कमजोरी नहीं आएगी और बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाएगी। ध्यान रहे कि केला जितनी बार खिलाना हो, उसे उसी समय बनाएं। ढक कर रखा गया या काट कर रखा केला न खिलाएं। वह हानिकारक हो सकता है। मिट्टी खाने के आदी बच्चों को इसका गूदा खूब फेंट कर जरा सा शहद मिला कर आधा आधा चम्मच खिलाना उपयोगी है। पर ध्यान रहे की शाम के बाद केला ना दे ।
- कोई भी चीज मात्रा से अधिक खाना पीना हानिकारक है। इसी तरह केला भी ज्यादा खाने से पेट पर भारी पड़ेगा, शरीर शिथिल होगा, आलस्य आएगा। कभी ज्यादा खा लिया जाए तो एक छोटी इलायची चबाना लाभकारी है।
- कफ प्रकृति वालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। हमेशा पका केला ही खाएं।
- केले में मैग्नीशियम की काफी मात्रा होती है जिससे शरीर की धमनियों में खून पतला रहने के कारण खून का बहाव सही रहता है। इसके अलावा पूर्ण मात्रा में मैग्नीशियम लेने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है।
- कच्चे केले को दूध में मिलाकर लगाने से त्वचा निखर जाती है और चेहरे पर भी चमक आ जाती है।
- रोज सुबह एक केला और एक गिलास दूध पीने से वजन कंट्रोल में रहता है और बार- बार भूख भी नहीं लगती।
-गर्भावस्था में महिलाओं के लिए केला बहुत अच्छा होता है क्योंकि यह विटामिन से भरपूर होता है।
- गले की सुजन में लाभकारी है।
- जी-मिचलाने पर तो पका केला कटोरी में फेंट कर एक चम्मच मिश्री या चीनी और एक छोटी इलायची पीस कर मिला कर खाने से राहत मिलेगी।
- केले के तने के सफेद भाग के रस का नियमित सेवन डायबिटीज की बीमारी को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।
- खाना खाने के बाद केला खाने से भोजन आसानी से पच जाता है।